Secondary Memory

           Secondary Memory

Hard Drive:-
Hard Disk या HDD एक ही बात है, ये एक physical disk होती है जिसको हम अपने computer की सभी छोटी बड़ी files store करने के लिये प्रयोग करते है। Hard disk और RAM मे ये फर्क होता है कि, Hard disk वो चीज है जो store करने के काम मे आती है, लेकिन RAM उस storage मे रखी चीजो को चलाने के काम में आती है। जब हम computer को बन्‍द करते है तो RAM मे पडी कोई भी चीज साफ हो जाती है। लेकिन HDD मे computer बन्‍द होने पर भ्‍ाी data erase नही होता।
Hard disk के अन्‍दर एक disk घुमती है, जितनी तेज disk घुमती है उतनी ज्‍यादा तेजी से ये Data को store या read कर सकती है। Hard disk के घुमने की speed को हम RPM (Revolutions Per Minute) मे नापते है। ज्‍यादातर Hard disk 5400 rpm या 7200 rmp की होती है, जाहिर सी बात है 7200 rmp की hard disk 5400 rmp वाली से ज्‍यादा तेज होती है।
Harddisk
संरचना एवं कार्यविधिः- हार्डडिस्क चुम्बकीय डिस्क से मिलकर बनी होती है। इसमें डाटा को पढ़ने एवं लिखने के लिये एक हेड होता है। हार्डडिस्क में एक central shaft  होती है। जिसमें चुम्बकीय डिस्क लगी रहती है। हार्डडिस्क की ऊपरी सतह पर एवं निचली सतह पर डाटा को स्टोर नहीं किया जाता है। बाकि सभी सतहों पर डाटा को स्टोर किया जाता है। डिस्क की प्लेट में Track and Sector होते है। सेक्टर में डाटा स्टोर होता है, एक सेक्टर में 512 बाइट डाटा स्टोर होता है।
डाटा को स्टोर एवं पढ़ने के लिये तीन तरह के समय लगते है। जो निम्न है।
1. Seek Time:-. डिस्क में डाटा को रीढ या राईट करने वाले Track तक पहुँचने में  लगा समय सीक टाइम कहलाता है।
2. Latency time:- Track में डाटा के Sector तक पहुँचने मे लगा समय लेटेंसी टाईम कहलाता है।
3. Transfer Rate:- Sector में डाटा को लिखने एवं पढने में जो समय लगता है। उसे Transfer Rate कहा जाता है।
फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) :-
यह प्लास्टिक की बनी होती है जिस पर फेराइट की परत पड़ी रहती है | यह बहुत लचीली प्लास्टिक की बनी होती है| इसलिए इसे फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) कहते है| जिस पर प्लास्टिक का कबर होता है| जिसे जैकेट कहते है| फ्लॉपी (Floppy) के बीचों-बीच एक पॉइंट (Point) बना होता है जिससे इस ड्राइव (Drive) की डिस्क (Disk) घूमती है| इसी फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) में 80 डेटा ट्रेक (Data track) होते है और प्रत्येक ट्रेक (Track) में 64 शब्द स्टोर (Store) किये जा सकते है| यह मेग्नेटिक  टेप (Magnetic tape) के सामन कार्य करती है| जो 360 RPM प्रति मिनिट की दर से घूमती है| जिससे इसकी Recording head के ख़राब हो जाने की समस्या उत्पन्न होती है|
floppy
आकर की द्रष्टि से फ्लॉपी (Floppy) दो प्रकार की होती है :-
5½ व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
3½ व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk)
 व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) – इसका अविष्कार सन 1976 में किया गया था तथा यह भी प्लास्टिक की जैकेट से सुरक्षित रहती है| इसकी संग्रह क्षमता 360 KB से 2.44 MB तक की होती है |
 व्यास वाली फ्लॉपी डिस्क (Floppy Disk) – इसका प्रयोग (use) सर्वप्रथम एप्पल कंप्यूटर (Apple computer) में किया गया था| जो पिछली फ्लॉपी की अपेक्षा छोटी होती है| इसकी संग्रह क्षमता 310 KB से 2.88 MB तक होती है|
Magnetic Tape:-
Magnetic tape भी एक Storage Device हैं जिसमे एक पतला फीता होता हैं जिस पर Magnetic Ink की Coading की जाती हैं इसका प्रयोग Analog तथा Digital Data को Store करने के लिए किया जाता हैं | यह पुराने समय के Audio कैसिट की तरह होता हैं Magnetic Tape का प्रयोग बड़ी मात्रा में डाटा Store करने के लिए किया जाता हैं| यह सस्ते होते हैं| आज भी इसका प्रयोग data का Backup तैयार करने के लिए किया जाता हैं |
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Optical Disk
Optical Disk एक चपटा, वृत्ताकार पोलिकर्बिनेट डिस्क होता है, जिस पर डाटा एक Flat सतह के अन्दर Pits के रूप में Store किया जाता हैं इसमें डाटा को Optical के द्वारा Store किया जाता है|
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आॅपटिकल डिस्क दो प्रकार की होती है।
CD:- सबसे पहले बात करते है सीडी की, सीडी का हम काम्‍पैक्‍ट डिस्‍क के नाम से भी पुकारते हैं ये एक ऐसा ऑप्‍टिकल मीडियम होता है जो हमारे डिजिटल डेटा का सेव करता है। एक समय था जब हम रील वाले कैसेट प्रयोग करते थी, सीडी के अर्विष्‍कार ने ही बाजार में कैसेटों को पूरी तरह से खत्‍म कर दिया। एक स्‍टैंडर्ड सीडी में करीब 700 एमबी का डेटा सेव किया जा सकता है। सीडी में डेटा डॉट के फार्म में सेव होता है, दरअसल सीडी ड्राइव में लगा हुआ लेजर सेंसर सीडी के डॉट से रिफलेक्‍ट लाइट का पढ़ता है और हमारी डिवाइस में इमेज क्रिएट करता है।
DVD:- डीवीडी यानी डिजिटल वर्सटाइल डिस्‍क, सीडी के बाद डीवीडी का आगाज हुआ वैसे तो देखने में दोनों सीडी और डीवीडी दोनों एक ही जैसे लगते है मगर इनकी डेटा कैपसेटी में अंतर होता है सीडी के मुकाबले डीवीडी में ज्‍यादा डेटा सेव किया जा सकता है। मतलब डीवीडी में यूजर करीब 4.7 जीबी से लेकर 17 जीबी तक डेटा सेव कर सकता है। डीवीडी के आने के बाद बाजार में सीडी की मांग में भारी कमी देखी गई।
Flash Drive
Pen Drive को ही Flash Drive के नाम से जाना जाता हैं आज कल सबसे ज्यादा Flash Drive का Use डाटा Store करने के लिए किया जाता है यह एक External Device है जिसको Computer में अलग से Use किया जाता हैं | यह आकार में बहुत छोटे तथा हल्की भी होती हैं, इसमें Store Data को पढ़ा भी जा सकता है और उसमे सुधार भी किया जा सकता हैं |
Flash Drive में एक छोटा Pried Circuit Board होता है जो प्लास्टिक या धातु के Cover से ढका होता हैं इसलिए यह मजबूत होता है | यह Plug-and-Play उपकरण है | आज यह सामान्य रूप से 2 GB, 4 GB, 8 GB, 16 GB, 32 GB, 64 GB, 128 GB आदि क्षमता में उपलब्ध हैं|
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